Friday 10 August 2012

पति की बेवफाई


प्रेषिका : मिस चमको
मैं अन्तर्वासना पर बहुत समय से कहानियां पढ़ रही हूँ, सोचा कि आपको अपनी सच्ची कहानी सुना दूँ !
मैं एक ३५ वर्ष की छरहरी महिला हूँ, मेरे पति भी लम्बे और स्मार्ट व्यक्ति हैं। वो एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं पर मैं उनकी एक आदत से परेशान हूँ- वो कोई भी दूसरी महिला को देखते ही लाइन मारने लगते हैं। मैं अकसर उनके कमीज और पैंट पर लिपस्टिक के निशान देखा करती, उनके अंडरवीयर में वीर्य के निशान दिखते !
इनके एक दोस्त हमारे घर आते जाते थे। एक दिन मैंने उनसे इनके बारे में पूछा तो वो कुछ नहीं बोले, पर मेरे बहुत जोर देने पर वो मान गए कि मेरे पति का बहुत सी महिलाओं के साथ सम्बन्ध है।
मेरे आँसू बहने लगे। वो मुझे सांत्वना देने लगे और कहा- अब बहुत देर हो चुकी है, इनका ठीक होना मुश्किल है, आप ही अपना मन कहीं और लगा लें !
तो मैंने कहा- अ़ब मुझे कौन मिलेगा !
वो बोले- देखे तो सही !
मैंने कहा- क्या आप तैयार होंगे ?
तो वो बोले- कल बात करते हैं !
मैं सोचने लगी- क्या यह ठीक है?
पर कुछ अजीब सी बेचैनी होने लगी। दोपहर में उनका फोन आया और मुझे बाहर मिलने को बुलाया। हम कार में ही बात करने लगे और वो सौरी कहने लगे। मैं फिर से रोने लगी और रोते रोते उनके काँधे पर सर रख लिया। वो मुझे चुप करने लगे। अचानक उनका हाथ फिसल कर मेरे स्तन पर आ गया और मैंने उसे वहीं दबा दिया।
वो कहने लगे- आपका दिल तो बहुत जोर से चल रहा है !
मैं कुछ नहीं बोली और वो धीरे धीरे सहलाने लगे। मेरे मुँह से आह निकलने लगी। अ़ब वो दोनों हाथों से मेरे निपल चुभलाने लगे। मैं और जोर से आहें भरने लगी और मेरा हाथ उनके पैंट पर ऊपर से लंड को सहलाने लगा। उन्होंने अपनी पैंट की जिप खोल कर लंड मेरे हाथ में दे दिया। बहुत मोटा लंड था, मेरी मुट्ठी में नहीं आ रहा था। मैं खुद ही उस पर झुकती चली गई और उसे मुँह में भर कर चूसने लगी। वो भी मेरी चूची दबाते २ साड़ी को ऊपर उठा कर पैंटी के ऊपर से मेरी चूत सहलाने लगे। मेरी पैंटी पूरी भीगी हुई थी। उन्होंने उंगली मेरी चूत में घुसा दी और तेजी से अन्दर बाहर करने लगे। मैं उनका लंड दांतों से काटने लगी। वो भी आहें भरने लगे। मेरी जीभ उनके सुपारे पर तेजी से चलने लगी। उन्होंने भी तीन उंगली मेरी चूत में पेल दी और मुझे चूत से पकड़ कर ऊपर उठा दिया।
मेरा एक के बाद एक तीन बार पानी झर चुका था जो उसकी हथेली से नीचे बह रहा था। अचानक वो जोर जोर से लंड मेरे मुँह में पेलने लगा और बोला- अपना मुँह हटा लो ! मैं छुटने वाला हूँ !
पर मैंने उसका लंड और जोर से भींच लिया। उसने एक हाथ से मेरा सर अपने लंड दबा दिया और आहें भरते हुए मेरे मुँह में पानी छोड़ दिया। मैं उठ कर अपना मुँह टिशु-पेपर से साफ करने लगी पर वो मेरे होंठ उपने मुँह में लेकर चूसने लगा। तभी एक कार के हॉर्न ने हमें चौंका दिया।
आगे की कहानी अगले अंक में !

No comments:

Post a Comment