Monday 20 August 2012

पारो आंटी

हाय दोस्तो, मेरा नाम अनुराग है, मैं पंजाब में पढ़ाई कर रहा हूँ। मैं अभी तक अविवाहित हूँ, उम्र 21 साल है, देखने में दुबला-पतला हूँ, एक साल से म्य्देसिपाणु देख रहा हूँ !
मैंने कुछ अच्छी और प्यारी चुदाई की कहानियाँ पढ़ी।
इसलिए मैंने भी आज सोचा कि मैं भी आप लोगों को अपना एक अनुभव लिखूँ। यह मेरी जिन्दगी का पहली चुदाई थी।
यह बात दो साल पहले की है, हम किराये के मकान में रहते हैं, हमारी मकान मालकिन का नाम पारो है, वो बहुत सुंदर और सेक्सी है करीब 42 साल की, बहुत सुन्दर लगती हैं और वो देखने में अभी भी 30-32 साल की लगती हैं। वो तकरीबन 5 फ़ुट 4 इंच की एकदम मस्त लगती हैं, उनका बदन 36-30-38 होगा।
जब भी मैं उन्हें कपड़े धोते देखता तो उनके चूचे देख कर मदहोश जो जाता था। मैं जब भी बिपाशा बसु की कोई फिल्म देखता हूँ तो मुझे उनका चेहरा याद आ जाता है। मेरा उनके घर पर बहुत आना जाना है, मैं उन्हें देखने का कोई मौका नहीं जाने देता।
एक दिन मैं आंटी एक साथ एक शादी में गया था। यह शादी उनकी रिश्तेदारी में थी। आंटी उस दिन शादी में गुलाबी रंग की साड़ी पहने हुए थी, वो बहुत खूबसूरत लग रही थी।
उस दिन मैंने आंटी को देख कर बाथरूम में जाकर आंटी को याद करते हुए मुठ मारी।
अगले दिन मेरे घर वाले किसी काम से गए हुए थे और कह कर गए थे कि आज पानी वाली टंकी साफ़ करनी है।
आंटी ने मुझे अकेले करते देखा तो मेरी मदद करने आ गई और पूछा- मम्मी-पापा कहाँ गए हैं?
मैंने कहा- किसी काम से बाहर गए हैं, शाम को वापस आएँगे।
मैं निकर पहने सफाई कर रहा था। मैंने आंटी को पानी वाली बाल्टी पकड़ाई तो बाल्टी आंटी के हाथ से छुट गई और आंटी का हाथ मेरी जांघ पर आ गया और उनका हाथ मेरे खड़े लण्ड पर छू गया। बाद में वो मेरे से चिपक कर बैठ गई। मुझे आंटी के ब्लाऊज़ के अंदर उनकी ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी क्योंकि ब्लाऊज़ गीला हो गया था।
हमने करीब बारह बजे सफ़ाई का काम निपटाया। फिर मैं आंटी के साथ उनके कमरे में चला गया। अंद्र जाकर आंटी ने मुझे अपने बेटे का पजामा दिया और कहा- तुम अपने कपड़े बदल लो ! काफी भीग गए हो।
मैं बाथरूम में अपने कपड़े बदलने लगा और आंटी ने टीवी चालू कर लिया। मुझे अंदर लगे हुए शीशे से टीवी साफ़ नज़र आ रहा था। उस दिन शनिवार था और आंटी ने टीवी पर चुदाई वाली फिल्म लगा ली ! आंटी वो मूवी देखने लगी मुझे अन्दर से सब नज़र आ रहा था।
मैं बनियान और पजामा पहन कर बाहर आ गया। आंटी ने मुझे देख कर एकदम चैनल बदल दिया और वो कपड़े बदलने अंदर बाथरूम में चली गई।
तो मैंने जानबूझ कर वही मूवी लगा ली क्योंकि अंदर बाथरूम के शीशे में टीवी साफ नज़र आ रहा था !
आंटी ने मुझे आवाज लगा कर कहा- जरा तौलिया देना, मैं बाहर भूल गई हूँ !
मैं जैसे आंटी को तौलिया देने अंदर गया तो वो एक दम नंगी खड़ी थी ! मैं उनको नंगी देख कर घबरा गया, वो मुस्कराई और मेरे हाथ से तौलिया लिया और मैं बाहर आकर बैठ सोफे पर बैठ गया और टीवी देखने लगा।
आंटी कुछ देर बाद मेरे पीछे आ कर खड़ी हो गई पर मुझे पता नहीं चला। जब उन्होंने मुझे कहा- अनु कॉफ़ी लोगे?
तो मैं एकदम घबरा गया और टीवी का चैनेल बदल दिया और कहा- नहीं आंटी।
तो वो बोली- मैं बना कर लती हूँ ! तब तक तुम टीवी देखो।
उसके बाद आंटी कॉफ़ी बना कर लाई, मेरे साथ सोफे पर साथ बैठ गई और मेरे हाथ से टीवी का रिमोट लेकर वही चैनल लगा दिया ! उस फिल्म को देख कर मेरे लण्ड खड़ा हो गया और आंटी ने मेरा खड़ा लन्ड देखा तो धीरे से उस पर हाथ रख दिया और सहलाने लग गई, मुझे मजा आने लग गया।
मुझे ऐसे देख कर अपना हाथ मेरे पजामे में डाल दिया, मैं एकदम से होश में आकर बोला- आंटी, आप यह क्या कर रही हो?
तो वो झट से बोल पड़ी- ऊपर जो तू मेरे मम्मे देखता है जब मैं कपड़े धो रही होती हूँ?
मैं एकदम चुप हो गया, आंटी बोली- मैं कब से सोच रही थी कब तू पहल करेगा, पर तू तो एकदम डरपोक है, इसलिए मुझे ही पहल करनी पड़ी।
यह सुन कर मैंने आंटी के चूचे पकड़ लिए और जोर-जोर से दबाने लगा।
आंटी मस्त हो कर आआ आआआअ आआ की आवाजें निकाल रही थी और मैं जोश मैं जोर जोर से चूचे दबा रहा था। फिर एक हाथ से मैंने आंटी का गाउन उतार दिया। आंटी ने गुलाबी रंग की ब्रा-पैंटी पहन रखी थी और उसमें क्या सेक्सी लग रही थी, उनके चूचे ब्रा में से मानो आज़ाद होना चाहते थे।
आंटी ने मुझे कपड़े उतारने को कहा। मैं सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया। मौसी ने मुझे खींच कर बिस्तर पर गिरा दिया और एक ही झटके में आधा लण्ड मुँह में ले लिया। मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था। मैंने भी आंटी की ब्रा और पैंटी उतार फेंके और उनकी जांघों के बीच में सिर घुसेड़ कर चूत चूसने लगा।
मेरा लण्ड तो पहले ही तन कर खड़ा हो चुका था मेरा लम्बा और मोटा लण्ड देख कर उछल पड़ी, खुश होकर बोली- मजा आ गया ! बहुत दिनों बाद इतना मजेदार लौड़ा देखने को मिला है ! जवान लौंडों से चुदवाने का मजा ही कुछ और है ! बहुत दिनों बाद आज मन-माफिक लण्ड देखने को मिला है !
आंटी ने मुझे खींच कर अन्दर कमरे में बिस्तर पर गिरा दिया और एक ही झटके में आधा लण्ड मुँह में ले लिया। मुझे लण्ड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था। थोड़ी देर लण्ड चुसवाने के बाद मैं आंटी के
ऊपर चढ़ गया और लण्ड का सुपारा चूत के छेद पर रख कर गच्च से पूरा लण्ड भीतर तक पेल दिया। नीचे से आंटी भी जोर का कमर का धक्का लगा कर मुझसे लिपट गई।
मैंने आंटी की चुदाई चालू कर दी।
आंटी मुस्कुराते हुए सिसकारियाँ लेने लगी- हाँ..आँ… आँ…. आँ राजा ऽऽऽ आ बस ऐसी ही चुदाई चाहिये थी मुझको बेटा। आज अपनी आंटी की चूत के चीथड़े उड़ा देनाऽऽ
आंटी की कमर तेजी से चलने लगी और साथ ही वो जोर जोर से चिल्लाने भी लगी- यस डार्लिंग यस …कम आनऽऽ मेरे बेटे मुझे रंडी समझ कर चोद ! शाबाश बेटा ! और जोर जोर से चोद अपनी आंटी को ।
जोरदार धक्के खाकर आंटी के चूचे झटके ले रहे थे और कमर गच्चे खा रही थी। इससे मेरा भी जोश बढ़ता जा रहा था, मेरी चुदाई की स्पीड अचानक तेज हो गई और मैं पागलों की तरह चूत पर टूट पड़ा। मैं भड़के हुए सांड की तरह आंटी को कस कर दबोच कर चुदाई करने लगा। थोड़ी देर बाद आंटी कहने लग गई- मैं बस जाने वाली हूँ आ ई ई ई याः हाँ आं आं। अर्रर्र र्र मैं गई मेर्रे र्रा….ज्जा …..और आँटी जोर से मुझसे लिपट कर झड़ गई।
और थोड़ी देर बाद मेरे लण्ड ने भी आंटी की चूत में अपना माल उगल दिया और हम दोनों थक कर निढाल हो गए थे और जोर जोर से सांसें ले रहे थे।
थोड़ी देर बाद मैंने आंटी से कहा- मुझे आपकी गाण्ड भी मारनी है।
तो आंटी ने कहा- जो जी चाहे, वो करो !
फिर मैंने आंटी की गाण्ड पर थोड़ी सी क्रीम लगाई और लण्ड का सुपारा गांड पर रख कर जोर से धक्का मारा तो मेरा आधा लण्ड आंटी की गांड में घुस गया और आंटी जोर से चिल्लाई- धीरे करो ! बहुत दिनों बाद गांड मरा रही हूँ, दर्द होता है !
फिर मैं धीरे धीरे आंटी की गाण्ड मारता रहा और थोड़ी ढेर बाद मेरा काम खत्म हो गया और में आंटी के साथ बेड पर लेट गया। फिर हम दोनों साथ में नहा कर आये उस दिन के बाद हमें जब भी मौका मिलता, हम खूब चुदाई करते। पर कोई छः महीने बाद हमने मकान बदल लिया और उसके बाद मैं अभी तक प्यासा हूँ।
अपने विचार मुझे मेल करें।
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